भगवान बुद्ध के जन्म स्थान से 5 योजन पर राम नमक एक जनपद मिला को भगवान बुद्ध की धातु का एक भाग मिला था | वापसी में उसने एक स्तूप बनवाया था उसक...

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भगवान बुद्ध के जन्म स्थान से 5 योजन पर राम नमक एक जनपद मिला को भगवान बुद्ध की धातु का एक भाग मिला था | वापसी में उसने एक स्तूप बनवाया था उसका नाम धम्म स्तूप है स्तूप के पास एक हंद है | हंद में नाग रहता था | वह धम्म स्तूप की रक्षा और पूजा करता था | जब सम्राट अशोक यहाँ आया तो उसने चाहा कि आठों स्तूपों में से भगवान बुद्ध के शरीर धातुओं के कुछ भाग निकलवाकर 84,000 स्तूप बनवाए सात स्तूप गिरवाकर उसने इस स्तूप को भी गिरवाना चाहा नाग सदेह प्रकट हुआ, सम्राट अशोक को अपने घर ले गया और पूजा उपकरण दिखा उसने राजा से कहा, यदि इस से उत्तम रूप से पूजा कर सको तो स्तूप गिरा दो, सब ले जाओ मैं नहीं झगड़ता राजा समझ गया कि पूजा के ऐसे उपकरण संसार में कही नहीं मिलेंगे इस पर वह लौट गया |



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